Home कविता नजरे नजरे Author - Dhamal Updates 23:53:00 0 आप कि नजरे हमें बस कातिलाना कर गई, चेहरे का वो रंग होश हवा कर गई, डिंम्पल वाली मुस्कराहट तुम्हारी दिल मैं बस गई, आप कि नजरे बस आप कि नजरे हमे कातिलाना कर गई. ✍ कृष्णा जोशी Tags कविता Facebook Twitter Whatsapp Newer Older