Home कविता राह राह Author - Dhamal Updates 20:50:00 0 हम उसकी राह में कुछ ऐसे मुस्कुरा रहे थे, वो मुस्कान भी कुछ कातील सी थी. कंबक्त ए दिल कि धडकने जोरो से धडक रही थी, जो हमे उसकी याद आ रही थी. ✍ कृष्णा जोशी दि. 27-04-2017 Tags कविता Facebook Twitter Whatsapp Newer Older